करेंसी मार्किट

क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध

क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध
डिजिटल करेंसी

2 औन लाइन/दूरी प्रोग्राम्स में क्रिप्टोकरेंसी में युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका 2023

संयुक्त राज्य में शिक्षा मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा प्रदान की जाती है, नियंत्रण और धन तीन स्तरों से आते हैं: राज्य, स्थानीय और संघीय, इसी क्रम में। यूएसए में एक उच्च शिक्षा स्तर पर अध्ययन करने की आम आवश्यकताओं में आपके प्रवेश निबंध (उद्देश्य बयान या व्यक्तिगत बयान क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध के रूप में भी जाना जाता है), अभिलेखों की प्रतिलिपि, सिफारिश / संदर्भ पत्र, भाषा परीक्षण शामिल होंगे।

फिल्टर

  • युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका
    आर्थिक अध्ययन (2)

अध्ययन के संबंधित क्षेत्र

दुनिया भर से हजारों अध्ययन कार्यक्रम ब्राउज़ करें।

ऑनलाइन शिक्षा दुनिया को बदल रही है, और ONLINESTUDIES दुनिया भर से डिजिटल उच्च शिक्षा प्रदाताओं को खोजने के लिए सबसे अच्छी जगह है। बहुभाषी, छात्र-केंद्रित वेबसाइटों के कीस्टोन एजुकेशन ग्रुप परिवार के ऑनलाइन फ्लैगशिप के रूप में, ONLINESTUDIES छात्रों के लिए ऑनलाइन विश्वविद्यालय कार्यक्रमों, डिजिटल स्कूलों, मिश्रित शिक्षण प्लेटफार्मों और दूरस्थ पाठ्यक्रम प्रदाताओं से जुड़ना आसान बनाता है। उच्च शिक्षा का भविष्य ऑनलाइन है और अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू छात्र ONLINESTUDIES पर भरोसा करते हैं।

डिजिटल करेंसी/मुद्रा क्या है, निबंध, फायदे, नुकसान (Digital Currency in Hindi)

डिजिटल क्षेत्र में आज भारत किसी भी देश से कम नहीं। 2015 का वह साल था जब भारत ने पहली बार डिजिटल इंडिया कैंपेन की शुरुआत की थी। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अपनाने वाले तब और अब के भारत में काफी अच्छा बदलाव देखने को मिला है। 2015 से लेकर 2022 तक के सफर में भारत ने डिजिटल प्लेटफार्म में अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है। शॉपिंग, बिल भरने क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध से लेकर बिजनेस करने तक, भारत डिजिटल बन चुका है। पिछले कुछ सालों में भारत डिजिटली बहुत प्रगति कर चुका है। ऐसे बहुत सारे स्कीम्स डिजिटल हो चुके हैं जैसे BHIM UPI, DIGI LOCKER, CoWIN, Aadhar, GEMS इत्यादि। इन सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने भारत के नागरिकों के कामों को काफी आसान कर दिया है। अब भारत बैंकिंग के क्षेत्र में भी एक बहुत बड़ा बदलाव लाने की कोशिश कर रही है। यह बदलाव भारत की सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलकर डिजिटल करेंसी यानी डिजिटल मुद्रा को लाकर करना चाहती है। तो क्या है डिजिटल करेंसी और यह किस तरह भारत के लोगों के पैसों को एक डिजिटल प्लेटफार्म में बदल देगी? यह आर्टिकल आपको डिजिटल करेंसी/मुद्रा से जुड़ी सभी जानकारी देगा।

digital currency kya hai in hindi

Table of Contents

डिजिटल करेंसी/मुद्रा क्या है (What is Digital Currency)

जब किसी देश के नगदी रुपयों को डिजिटल सिस्टम में स्टोर किया जाता है और उसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है उसे हम डिजिटल करेंसी कहते हैं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे आप ही के पैसों का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप जैसे आपके पैसों या किसी भी एसिड का इलेक्ट्रॉनिक टोकन या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म में इस्तेमाल किया जाने वाला। डिजिटल मुद्रा देश के नागरिकों और बैंकिंग सेक्टर ओं को ऐसा मौका देगा जिससे पैसों को लेकर सब कुछ इलेक्ट्रॉनिक होता हुआ नजर आएगा जैसे बैंकों में लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी और बस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर मिनटों में ही उनका पैसा स्टार्ट हो जाएगा या फिर वह कुछ ही मिनटों में अपना पैसा कहीं पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे।

डिजिटल करेंसी एवं रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (Digital Currency RBI)

भारत की फाइनेंस मिनिस्टर के नेतृत्व में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बैठक हुई जिसमें डिजिटल करेंसी के ऊपर चर्चा की गई थी। चर्चा में भारत सरकार ने सेंट्रल बैंक से डिजिटल करंसी की शुरुआत करने की बात रखी। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सेंट्रल बैंक को डिजिटल करंसी लाने का सुझाव दिया जिससे लोग पैसों को डिजिटली इस्तेमाल कर सकें। भारतीयों का क्रिप्टो करेंसी के तरफ बहुत ज्यादा झुकाव को लेकर सरकार ने यह तय किया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक ऐसा तरीका लेकर आए जिससे भारत के लोग अपने पैसों को डिजिटली इस्तेमाल कर सकें और डीजिटली कमा सकें। एक ऐसा तरीका जिससे लोगों का समय भी बच्चे और उनका पैसा सलामत भी रहे और साथ ही साथ यह देश डिजिटल उपकरणों को लेकर स्मार्ट बनें। ‌

विदेशों में डिजिटल करेंसी की लहर (Digital Currency in Abroad)

पूरे विश्व में 86% सेंट्रल बैंक ऐसे हैं जैसे ब्रिटेन की बैंक, चाइना की बैंक, अमेरिका की बैंक जो अपने कन्वेंशनल पैसों को बदलना चाह रही हैं यानी उन्हें बदलकर इलेक्ट्रॉनिक/डिजिटल बनाना चाह रही हैं। इस विषय पर कितने प्रतिशत देश काफी चर्चा कर रही है और इस पर काफी खोजबीन भी कर रही है।आपको बता दें कि पूरे विश्व में अब तक 14% सेंट्रल बैंक ने तो पायलट प्रोजेक्ट्स भी शुरू कर दिया है। उन देशों के सेंट्रल बैंक ने डिजिटल करेंसी पर अपना काम करना भी शुरू कर दिया है।

यह तो हम सभी जानते हैं कि किसी भी नई चीज के आने से जितना उस चीज का फायदा होता है उतना ही वह अपने साथ कुछ नुकसान भी लेकर आती है। ठीक उसी तरह यदि डिजिटल करेंसी देश के लिए काफी अच्छा बदलाव साबित होगी तो वह अपने साथ कुछ नुकसान भी लेकर आएगी जैसे यह डिजिटल मुद्रा के कुछ नुकसान हो सकते हैं:

  • डिजिटल करेंसी के क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध आने से बैंकों में कर्मचारियों को काफी नुकसान हो सकता है क्योंकि इस मुद्रा के आने से बैंकों को मैन पावर कम चाहिए होगी
  • ऐसा हो सकता है कि कितने ही सारे बैंकों का कारोबार कम हो जाएगा क्योंकि सब कुछ इलेक्ट्रॉनिक रूप से होगा और पैसा भी इलेक्ट्रॉनिक ही बन जाएगा
  • इससे बैंकिंग सेक्टर में काम करने वाले लोगों के बीच अपनी जॉब को लेकर सुरक्षा महसूस होने में कमी हो सकती है
  • डिजिटल करेंसी के आने से देश के कई बैंकों को अपना मैन पावर कम करना पड़ सकता है
  • बैंकिंग सेक्टर में काम करने वाले कई लोगों की नौकरी चले जाने की सिक्योरिटी पर सवाल उठ सकते हैं

डिजिटल करेंसी के प्रकार (Digital Currency Types)

डिजिटल करेंसी के तीन प्रकार हो सकते हैं जैसे:क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध

  • सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी
  • वर्चुअल करेंसी
  • क्रिप्टो करेंसी

डिजिटल करेंसी से संबंधित लेटेस्ट न्यूज़ (Digital Currency Latest News)

2022 का यूनियन बजट संसद में 1 फरवरी, 2022 को पेश किया गया। भारत की वित्त मंत्री ‘निर्मला सीतारमण’ ने बजट के दौरान यह एलान किया कि वर्ष 2022-2023 में डिजिटल करेंसी की शुरुआत होगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जो भारतीय क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे हैं उन्हें 30 फ़ीसदी टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। भारत सरकार आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। बजट सेशन के दौरान वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध अपनी बात रखी कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। इससे भारत एक सस्ते एवं कुशल करेंसी सिस्टम की ओर बढ़ेगा।

डिजिटल करेंसी का उपयोग कैसे करें (How to Use)

माना जा रहा है कि भारत में लाई जाने वाली डिजिटल करेंसी दुनियाभर में प्रचलित क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन की तरह ही उपयोग की जाएगी। इसमें फर्क सिर्फ इतना होगा कि डिजिटल करेंसी सरकारी करेंसी होगी। इस पर सरकारी यानी कानून का मोहर होगा। डिजिटल करेंसी को कैसे उपयोग करें, इसकी गाइडलाइंस रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की जाएगी। डिजिटल करेंसी को ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजी की मदद से इंट्रोड्यूस किया जाएगा जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करेगी।

निष्कर्ष (Conclusion)

आने वाले समय में डिजिटल करेंसी को भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने के रूप में देखा जा रहा है। वर्ष 2022-2023 डिजिटल करेंसी के आगमन का समय बताया जा रहा है। यदि भारत सरकार के डिजिटल करेंसी लॉन्च का फैसला अच्छा साबित हुआ तो यह भारत के डिजिटल क्षेत्र और अर्थव्यवस्था के लिए सही साबित हो सकता है। नई नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से यह भारत के लोगों और सरकार को स्मार्ट नागरिक बनने की ओर जागरूक करता हुआ दिख रहा है। यह भारत की करेंसी को एक सस्ते और कुशल करंसी सिस्टम की ओर ले जाता हुआ साबित हो सकता है।

निबंध प्रतियोगिता में मंडल स्तर पर तृप्ति ने मारी बाजी

महराजगंज, निज संवाददाता सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत जिले स्तर पर निबंध प्रतियोगिता में.

निबंध प्रतियोगिता में मंडल स्तर पर तृप्ति ने मारी बाजी

महराजगंज, निज संवाददाता

सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत जिले स्तर पर निबंध प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करने के बाद राजकीय महाविद्यालय सहजनवा में आयोजित मंडलीय निबंध प्रतियोगिता में जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज के बीए प्रथम वर्ष की मेधावी छात्रा तृप्ति मिश्रा ने प्रथम स्थान प्राप्त कर जनपद का नाम रोशन किया है।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर दिग्विजय नाथ पांडेय ने बताया कि मंडलीय प्रतियोगिता में तृप्ति मिश्र ने प्रथम स्थान प्राप्त कर महाविद्यालय परिवार को गौरवान्वित किया है। तृप्ति को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर पूर्व प्राचार्य डॉ. अजय मिश्रा, मुख्य नियंता डॉ. अक्षय कुमार, डॉ. प्रशांत पांडेय, छट्ठू यादव राहुल सिंह, गुलाब चंद, दिवाकर सिंह, डॉ. शांतिशरण मिश्र, राजीव द्विवेदी, श्रवण पटेल आदि शिक्षकों और कर्मचारियों ने बधाई दी है।

क्या है डिजिटल करेंसी, जो बन सकती है भारत की अधिकारिक मुद्रा

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा.

डिजिटल करेंसी

डिजिटल करेंसी

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2022,
  • (Updated 07 फरवरी 2022, 7:29 PM IST)

भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगी ये करेंसी

इसका आंतरिक मूल्य होगा

ये राज्य द्वारा समर्थित होगी

2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजीटल करेंसी (Digital Currency) के बारे में बात की. उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजीटल करेंसी को लॉन्च करेगा, और ये भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से होने वाले मुनाफे पर फ्लैट 30% टैक्स की भी घोषणा की थी. तब से ये दोनों चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा सूचना या विवरण सरकार ने नहीं दिया है. तो चलिए आज आपको डिजीटल करेंसी के बारे में बताते हैं.

क्या है डिजिटल करेंसी?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा. एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी को जारी करना शुरू कर देगा तो हम और आप जैसे आम लोग नियमित रुपये की तरह ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल रुपया आपके एनईएफटी, आईएमपीएस या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा. आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. आप इसे विदेश भेज सकते हैं. आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं.

क्यों चाहिए ये डिजीटल करेंसी?
फिलहाल इस बारे में अभी कोई खास जानकारी नहीं है लेकिन भारत सरकार डिजीटल करेंसी इसलिए लॉन्च कर रही है क्योंकि आज कल डिजीटल करेंसी का जमाना है और भारत किसी भी मायने में दूसरे देशों से पीछे नहीं रहना चाहता है. हम सब की तरह सरकार ने भी ये मान लिया है कि इस करेंसी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. सरकार ने वर्चुअल करेंसी के वजूद को नकारने के बजाय अपनी खुद की एक करेंसी लॉन्च करने का फैसला किया है. नियमित करेंसी के विपरीत आपको डिजिटल करेंसी को ट्रांसफर करने के लिए बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होगी. चूंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगा, इसलिए आप इसे सीधे दूसरे व्यक्ति के डिजिटल रुपये वाले वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं.

यह बिटकॉइन जैसी निजी डिजीटल मुद्राओं से कैसे अलग होगा?
एक डिजिटल करेंसी मूल रूप से बिटकॉइन और एथेरियम जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी क्योंकि यह राज्य द्वारा समर्थित होगी और इसका आंतरिक मूल्य होगा. सरकार ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल एसेट्स कहा है. यानी वो लीगल टेंडर नहीं होंगे.

क्या यह पारंपरिक रुपये की जगह लेगा?
इस डिजिटल करेंसी को मुद्रा के रूप में गिना जाएगा. इससे सरकार को कम नोट छापने और नकली मुद्रा पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. यह "अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली" बनाने में मदद करेगा. नियमित रुपये के विपरीत, डिजिटल रुपये को ऑनलाइन लेनदेन के लिए बैंक मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं होगी. प्रेषक और प्राप्तकर्ता ब्लॉकचैन का उपयोग करके लेनदेन कर सकते हैं, और आरबीआई गारंटर होगा.

क्या डिजिटल रुपये के कोई नुकसान हैं?
डिजिटल रुपये का उपयोग हमेशा पैसे का निशान छोड़ देगा. इसका मतलब है कि सरकार यह ट्रैक कर सकेगी कि आपने पैसे का इस्तेमाल कहां और कैसे किया. यह गोपनीयता की चिंताओं को जन्म देगा क्योंकि इसमें शामिल पक्षों के वित्तीय लेनदेन को लीक और दुरुपयोग किया जा सकता है.

डिजिटल रुपया कब लॉन्च होगा? क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध
कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह तभी होगा जब संसद क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक का विनियमन पारित करेगी, जो आरबीआई को डिजिटल रुपया जारी करने का अधिकार देगा. संसद के चालू बजट सत्र में इस बिल के पेश होने की संभावना नहीं है. हो सकता है, इसे कैलेंडर वर्ष के दूसरे भाग में मानसून या शीतकालीन सत्र में पेश किया जाए.

रेटिंग: 4.57
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 314
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *