विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाएं?

Updated on: November 07, 2022 23:18 IST
विदेशी मुद्रा दरों को समझना
जब एक निर्यातक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शुरू करने की योजना बनाता है, तो यह समझना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा विनिमय दरों में अंतर कैसे आता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा विनिमय दर (विदेशी मुद्रा दर) दुनिया भर में होने वाली विभिन्न घटनाओं से प्रभावित है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा विनिमय दरें प्रकृति में बेहद अप्रत्याशित हैं और तेजी से बदलती रहती हैं।
विनिमय दर जिस पर दो देशों के बीच एक मुद्रा का विनिमय दूसरे देश में किया जा सकता है, विदेशी विनिमय दर के रूप में जाना जाता है। विदेशी विनिमय दर को एफएक्स दर या विदेशी मुद्रा दर के रूप में भी जाना जाता है। उदाहरण के लिए अमेरिका और भारत के बीच मुद्रा की विनिमय दर 1 USD = 62.3849 INR है। बाद में हम विदेशी विनिमय दरों से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं।
स्पॉट एक्सचेंज रेट
जिस दर पर विदेशी मुद्रा उपलब्ध है उसे स्पॉट एक्सचेंज रेट कहा जाता है। विदेशी मुद्रा का स्पॉट रेट वर्तमान लेनदेन के लिए बहुत उपयोगी है लेकिन यह पता लगाना भी आवश्यक है कि स्पॉट रेट क्या है।
आगे विनिमय दर
विदेशी मुद्रा की खरीद या बिक्री के लिए एक आगे के अनुबंध में प्रबल होने वाली विनिमय दर को फॉरवर्ड रेट कहा जाता है। यह दर अभी तय की गई है लेकिन विदेशी मुद्रा का वास्तविक लेन-देन भविष्य में होता है।
विनिमय दरों के उद्धरण की विधि
मुद्रा बाजार में नए लोगों के लिए मुख्य भ्रम मुद्राओं के उद्धरण के लिए मानक है। इस खंड में, हम मुद्रा उद्धरणों पर जाएँगे और वे मुद्रा जोड़ी ट्रेडों में कैसे काम करेंगे। विनिमय दर उद्धृत करने की दो विधियाँ हैं:
1. प्रत्यक्ष मुद्रा उद्धरण
2. अप्रत्यक्ष मुद्रा भाव
प्रत्यक्ष मुद्रा उद्धरण: इस पद्धति में, घरेलू मुद्रा की परिवर्तनीय मात्रा के खिलाफ विदेशी मुद्रा की निश्चित इकाइयां उद्धृत की जाती हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका में, कनाडाई डॉलर के लिए एक सीधा उद्धरण $ 0.85 = C $ 1 होगा। अब एक बैंक केवल प्रत्यक्ष आधार पर दरों को उद्धृत कर रहा है।
अप्रत्यक्ष मुद्रा उद्धरण: इस पद्धति में, विदेशी मुद्रा की परिवर्तनीय इकाइयों के खिलाफ घरेलू मुद्रा की निश्चित इकाइयों को उद्धृत किया जाता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में कनाडाई डॉलर के लिए एक अप्रत्यक्ष उद्धरण यूएस $ 1 = सी $ 1.17 होगा।
जापानी येन (जेपीएन) के अपवाद के विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाएं? साथ, दशमलव स्थान के बाद अधिकांश मुद्रा विनिमय दरों को चार अंकों में उद्धृत किया जाता है, जिसे दो दशमलव स्थानों के लिए उद्धृत किया जाता है।
एक मुद्रा या तो चल या तय हो सकती है
क्रॉस करेंसी
यदि अमेरिकी मुद्रा को उसके एक घटक के रूप में मुद्रा के बिना दिया जाता है, तो इसे क्रॉस मुद्रा कहा जाता है। सबसे आम क्रॉस करेंसी जोड़े EUR हैं
बोली और पूछो
वित्तीय बाजारों में ट्रेडिंग, जब आप एक मुद्रा जोड़ी का व्यापार कर रहे हैं तो एक बोली मूल्य (खरीदें) और एक पूछ मूल्य (बेचना) है। ये आधार मुद्रा के संबंध में हैं। बोली मूल्य आधार मुद्रा के संबंध में उद्धृत मुद्रा के लिए बाजार कितना भुगतान करेगा। पूछें मूल्य उद्धृत मुद्रा की राशि को संदर्भित करता है जिसे आधार मुद्रा की एक इकाई खरीदने के लिए भुगतान करना पड़ता है। उदाहरण के लिए: USD
फैलता है और पिप्स
स्प्रेड बोली की कीमतों और पूछ मूल्य के बीच का अंतर है। उदाहरण के लिए EUR
फ़ॉरवर्ड या फ़्यूचर्स मार्केट्स में मुद्रा जोड़े
वायदा बाजार में विदेशी मुद्रा को हमेशा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले उद्धृत किया जाता है। अन्य मुद्रा की एक इकाई को खरीदने के लिए कितने अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होती है जो मूल्य निर्धारण पर प्रभाव डालती है।
विनिमय दर को प्रभावित करने वाले कारक निम्नानुसार हैं:
उच्च ब्याज दरें
विदेशों में मुद्रा में उच्च ब्याज दर होने से यह अधिक आकर्षक हो जाती है। निवेशक इस मुद्रा को खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि वे उस देश में लोगों को पैसा उधार दे सकते हैं और उच्च दरों द्वारा पेश किए गए अतिरिक्त मार्जिन से लाभ कमा सकते हैं। नतीजतन, उच्च दर मांग को बढ़ाती है, जो एक मुद्रा के मूल्य को बढ़ाती है और इसके विपरीत।
मुद्रास्फीति किसी मुद्रा के मूल्य को प्रभावित करती है। कम मुद्रास्फीति आपको अधिक खरीदने की सुविधा देती है। वास्तव में निवेशक इसे पसंद करते हैं क्योंकि वे उस मुद्रा को खरीदना चाहते हैं जो इसके मूल्य को बढ़ाती है और इसके विपरीत।
अर्थव्यवस्था की ताकत
सरकारी ऋण का स्तर
उच्च सरकारी ऋण, मुद्रा का मूल्य कम करें।
व्यापार की शर्तें
व्यापार की शर्तें एक अनुपात है जो निर्यात कीमतों की तुलना आयात कीमतों से करता है। यदि व्यापार की शर्तों में वृद्धि होती है, तो उस देश की निर्यात वृद्धि की मांग का मतलब है कि इसकी मुद्रा की अधिक मांग है, जिससे इसके मूल्य में वृद्धि होती है और इसके विपरीत।
Olymp trade, Binomo जैसे बाइनरी ट्रेडिंग एप से रहिए सावधान, कमाने के बजाय डूब जाएगा पैसा
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाएं? है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाएं? कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।
फिलहाल भारत में यह एप हो रहे हैं पॉपुलर
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
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केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
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कभी सोचा है कि शेयर बाजार वाली BSE कितनी कमाई करती है? इस बार घाटे में है ये कंपनी, कारण स्पष्ट है
BSE Net Income: शेयर बाजार में पैसा लगाकर निवेशक तो मोटा पैसा कमा लेते हैं लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता है कि क्या BSE को कुछ फायदा हो रहा है? इस बार कंपनी घाटे में है। उसने वजह भी बता दी है।
Edited By: India TV Business Desk
Updated on: November 07, 2022 23:18 IST
Photo:INDIA TV कभी सोचा है कि शेयर बाजार वाली BSE कितनी कमाई करती है?
BSE Net Income: सेंसेक्स (Sensex) से संबंधित कोई डेटा जब भी हमें देखना होता है तब हम BSE की वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं। BSE भारत की स्टॉक एक्सचेंज कंपनी है। दरअसल भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज नाम की दो संस्था है। जहां शेयर बाजार का काम किया जाता है। कंपनी इस बार घाटे में चल रही है। उसे 48 फीसदी का नुकसान हुआ है।
कमाई 48 प्रतिशत घटकर 33.8 करोड़ रुपये
प्रमुख शेयर बाजार बीएसई का शुद्ध लाभ सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 48 प्रतिशत घटकर 33.8 करोड़ रुपये रह गया। इस गिरावट की वजह कंपनी का परिचालन मार्जिन का घटना है। एक साल पहले 2021-22 की दूसरी तिमाही में बीएसई का शुद्ध लाभ 65.1 करोड़ रुपये था।
शेयर बाजार ने बताई वजह
शेयर बाजार ने बयान में कहा कि जहां उसका परिचालन मार्जिन, एक साल पहले के उच्च स्तर 28 प्रतिशत से घटकर सात प्रतिशत विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाएं? रह गया। वहीं इसकी परिचालन आय पहले के 53.2 करोड़ रुपये से 75 प्रतिशत घटकर 13.4 करोड़ रुपये रह गई है। एक्सचेंज का खर्च आलोच्य तिमाही में 36 प्रतिशत बढ़कर 184.3 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 135.6 करोड़ रुपये था।
आज के बाजार में कैसा रहा हमारा रुपया
विदेशों में अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने और विदेशी पूंजी का सतत निवेश बढ़ने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 43 पैसे की तेजी के साथ 81.92 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 82.14 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 82.32 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में 43 पैसे की तेजी के साथ 81.92 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में (शुक्रवार को) रुपया 53 पैसे सुधार के साथ 82.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
कैसे विदेशी मुद्रा ऑनलाइन बातचीत करने के लिए
विदेशी मुद्रा बाजार में ऑनलाइन ट्रेडिंग मुद्राएं, जिसे विदेशी मुद्रा बाजार भी कहा जाता है, एक विद्युतीकरण शौक और निवेश का एक महान माध्यम हो सकता है। इसे परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, प्रतिभूति बाजार में प्रति दिन 22.4 अरब डॉलर का व्यापार होता है - विदेशी मुद्रा बाजार प्रति दिन लगभग 5 खरब डॉलर का कारोबार करता है। आप बड़े प्रारंभिक निवेश का उपयोग किए बिना बहुत पैसा कमा सकते हैं, और बाजार की दिशा का अनुमान लगाते हुए विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाएं? बड़े व्यवसाय हो सकते हैं।
भाग 1
विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग के बारे में
जिस प्रकार की मुद्रा आप बेच रहे हैं, या दलाल को दे रही है वह है आधार मुद्रा. जो मुद्रा आप खरीद रहे हैं उसे कहा जाता है कोटेशन की मुद्रा. विदेशी मुद्रा बाजार में, आप एक और प्रकार खरीदने के लिए 1 प्रकार की मुद्रा बेचते हैं।
विनिमय दर बताता है कि बोली मुद्रा से आपको बेस मुद्रा खरीदने के लिए कितना खर्च करना होगा उदाहरण के लिए, यदि आप पाउंड स्टर्लिंग का उपयोग करके कुछ डॉलर खरीदना चाहते हैं, तो आप इस तरह की विनिमय दर देख सकते हैं: GBP / USD = 1,58 9 इस दर का मतलब है कि आप 1 पाउंड स्टर्लिंग खरीदने के लिए $ 1,58 9 का उपयोग करेंगे।
एक स्थिति लंबे समय तक का अर्थ है कि आप मूल मुद्रा खरीदेंगे और उद्धरण मुद्रा की बिक्री करेंगे। उपरोक्त हमारे उदाहरण में, आप पाउंड स्टर्लिंग खरीदने के लिए अमेरिकी डॉलर बेचेंगे।
एक स्थिति कम इसका मतलब है कि आप मुद्रा खरीदेंगे और आधार मुद्रा की बिक्री करेंगे। दूसरे शब्दों में, आप डॉलर खरीदने के लिए पाउंड स्टर्लिंग बेचेंगे
- कीमत पूछना, या ऑफ़र प्राइस, वह कीमत है जिस पर आपका ब्रोकर बोली मुद्रा के बदले में बेस मुद्रा बेच देगा। कीमत पूछना सबसे अच्छी कीमत है जो आप बाजार से खरीदने के लिए तैयार हैं।
- विस्तार कीमत के बीच अंतर है बोली और कीमत पूछना
एक विदेशी मुद्रा बाजार भाव पढ़ें आपको विदेशी मुद्रा बाजार की बोली में 2 नंबर दिखाई देंगे: कीमत बोली बाएं और मूल्य पूछना सही पर
बिटकॉइन जैसी करेंसी का भविष्य भारत में कब तय करेगी सरकार?
पिछले कुछ सालों से डिजिटल मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है जिन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए उन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं.
दुनिया भर में मुद्राओं को देश के केंद्रीय बैंक नियंत्रित करते हैं लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है, इसका नियंत्रण इसकी ख़रीद-बिक्री करने वाले लोगों के हाथों में सामूहिक तौर पर होता है.
यही वजह है कि ज़्यादातर देशों की सरकारें या तो इन्हें ग़ैर-कानूनी मानती हैं या इन्हें किसी न किसी रूप में नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं.
भारत, चीन और अमेरिका जैसे देशों के विपरीत दक्षिण अमेरिका के देश अल सल्वाडोर ने अब इसके इस्तेमाल पर क़ानूनी मुहर लगा दी है.
हालांकि जब क़ानूनी तौर पर क्रिप्टोकरेंसी के कार्यान्वयन के लिए अल सल्वाडोर ने विश्व बैंक से तकनीकी मदद मांगी तब विश्व बैंक ने इसे मानने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे ले कर पारदर्शिता और पर्यावरण संबंधी चिंताएं हैं.
इधर दूसरी ओर, चीन ने मनी-लॉड्रिंग के इल्ज़ाम में अब तक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े 1100 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
चीन ने डिजिटल करेंसी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इस क्षेत्र में कदम रखा है, हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी पर सरकारों का नियंत्रण नहीं होता लेकिन चीन ने जो डिजिटल करेंसी शुरू की है उस पर पूरा सरकारी नियंत्रण है.
दरअसल, डिजिटल युआन परंपरागत युआन करेंसी की ही केवल डिजिटल शक्ल है. इसे चीन के कुछ शहरों में प्रयोग के तौर पर पिछले साल लांच किया गया था. अमेरिका भी डिजिटल डॉलर शुरू करने के बारे में विचार कर रहा है.
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भारत और क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी के ख़रीद-बिक्री के लिए भारत में इस समय 19 क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट हैं जिनमें वज़ीरएक्स का नाम पिछले दिनों सुर्ख़ियों में था.
केंद्र सरकार के एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने वज़ीरएक्स के संस्थापक और निदेशक निश्चल शेट्टी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के क़ानून के तहत 2,971 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन का हिसाब देने को कहा है.
ईडी ने वज़ीरएक्स पर अपने उपयोगकर्ताओं की 'विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाएं? नो योअर कस्टमर' (केवाईसी) यानी ग्राहक वेरिफ़िकेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ नहीं लेने का आरोप लगाया है. ईडी के अनुसार, वज़ीरएक्स का इस्तेमाल कुछ चीनी नागरिकों ने अपने वज़ीरएक्स वॉलेट में राशि जमा करके किया. वज़ीरएक्स के संस्थापक शेट्टी ने जवाब में तीन ट्वीट किए और इस इल्ज़ाम को नकारते हुए ईडी के साथ पूरा सहयोग का वादा किया.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई सरकारी गाइडलाइन या नियम-कानून मौजूद नहीं हैं. यही वजह है कि वज़ीरएक्स जैसे मामलों में अभी सिर्फ़ केवाईसी के नियमों का पालन नहीं करने को लेकर नोटिस भेजा गया है.
भारत सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी के लिए एक बिल पेश कर सकती है. वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट करने पर सरकार की एससी गर्ग समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके अलावा सरकार के पास कई मंत्रालयों की एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट भी है.
जानकारों का कहना है कि एससी गर्ग समिति ने क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में पाबंदी लगाने की सलाह दी है. लेकिन मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए थे कि वर्चुअल करेंसियों को केवल रेगुलेट किया जाएगा, उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. सरकार इस समय दुविधा में नज़र आती है और इसका आख़िरी फैसला क्या है, इसका पता विधेयक के पेश किए जाने के बाद ही लगेगा.
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क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
देश और दुनिया की बड़ी ख़बरें और उनका विश्लेषण करता समसामयिक विषयों का कार्यक्रम.
दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
दुनिया में रुपए, डॉलर और यूरो जैसे नोटों की तरह पिछले 10-12 सालों में वर्चुअल दुनिया में कई मुद्राएँ सामने आई हैं और इनकी लोकप्रियता और संख्या दोनों तेज़ी से बढ़ती जा रही है. खास तौर पर युवा पीढ़ी में ये काफ़ी लोकप्रिय हैं.
मोटे तौर पर क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है जो टोकन या डिजिटल "सिक्कों" के रूप में होता है, क्रिप्टोकरेंसी को डिज़ाइन ही इस तरह किया गया है कि वह सरकारी नियमों और नियंत्रण से मुक्त रहे.
इस तरह की करेंसियों में सबसे चर्चित बिटकॉइन है, पिछले हफ़्ते एक बिटकॉइन की क़ीमत लगभग 30 लाख रुपए थी. दुनिया भर में दो करोड़ के क़रीब बिटकॉइन चलन में हैं जिनमें से दो हज़ार भारत में बताए जाते हैं.
इसकी क़ीमत में लगातार भारी उतार चढ़ाव दिख रहा है, कुछ जानकारों का कहना है कि यह अगले कुछ महीनों में इसकी वैल्यू 50 प्रतिशत गिर सकती है, तो कुछ दूसरे विशेषज्ञों का मानना है कि यह 30 लाख से बढ़कर 75 लाख तक हो सकता है.
इस तरह की इनक्रिप्टेड या कोडेड मुद्राओं की संख्या करीब चार हज़ार है लेकिन आम लोगों को सिर्फ़ बिटकॉइन का नाम पता है.
भारत में अभी आम लोगों को इसकी जानकारी बहुत कम है. दुनिया के कई देशों में भी हाल कुछ ऐसा ही है. अगर गूगल ट्रेंड्स पर नज़र डालें तो 'बिटकॉइन' टर्म सर्च करने वाले लोगों की तादाद तेज़ी से बढ़ती जा रही है यानी लोगों की दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है.
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क्रिप्टो और ब्लॉकचेन
क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन नामक टेक्नोलॉजी पर आधारित है. प्रवीन विशेष सिंगापुर में एक बड़े हेज फंड के पोर्टफ़ोलियो मैनेजर हैं. उनका काम करेंसी व्यापार से जुड़ा है.
बीबीसी से बातचीत में वो कहते हैं, "ब्लॉकचेन भविष्य का टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म है. ये वो मंच है जिस पर क्रिप्टो मुद्राओं का लेन-देन होता है. ब्लॉकचेन जानकारी को रिकॉर्ड करने की एक प्रणाली है जिसमें जानकारी को बदलना या हैक करना लगभग असंभव है."
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में लियोनार्ड कुकोस क्रिप्टोकरेंसी के विकास के समर्थक और निवेशक हैं. इस काम में वो बहुत सक्रिय हैं. वो ब्लॉकचेन जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ भी हैं.
उन्होंने बीबीसी के सवालों के जवाब में कहा, "सरल शब्दों में, ब्लॉकचेन एक विशेष प्रकार का डेटाबेस है जिसे डिस्ट्रीब्यूटेड खाता कहा जाता है जो डिजिटल लेनदेन को रिकॉर्ड करता है ताकि इसे बदलना, हैक करना या फ्रॉड करना लगभग असंभव हो. यह विशेष है क्योंकि सभी लेन-देन कंप्यूटरों के विशाल नेटवर्क में एन्क्रिप्टेड, कॉपीड और ड्रिस्ट्रीब्यूटेड होते हैं."
वो आगे कहते हैं, "इन कंप्यूटरों को नोड कहा जाता है, और उनका मुख्य काम हर लेन-देन को मान्यता देना और दर्ज करना होता है. हर कोई एक नोड हो सकता है, फिर भी नेटवर्क पर किसी का पूरा नियंत्रण नहीं हो सकता है इसलिए ब्लॉकचैन एक विकेन्द्रीकृत प्रणाली है".
क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन दोनों एक दूसरे से जुदा हैं लेकिन इनका अटूट रिश्ता भी है. जैसा कि लियोनार्ड कहते हैं, "ब्लॉकचेन एक पसरा हुआ बही-खाता है, जबकि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी उसी खाते के मुताबिक़ डिज़ाइन किए गए हैं. बिटकॉइन अपने ब्लॉकचेन के बिना मौजूद नहीं हो सकता, हालांकि ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी के अलावा दूसरी चीज़ों में भी होता है."
बिटकॉइन अकेली क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, इथेरियम, टीथर, कार्डानो, पोल्काडॉट, रिपल और डोजकॉइन जैसी और भी कई क्रिप्टोकरेंसी भी चलन में हैं जिनमें हर साल अरबों डॉलर के लेन-देन होते हैं.
हालांकि क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार में बिटकॉइन सबसे पहले आने वाली, सबसे महंगी और सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी है. बिटकॉइन को 2009 में लांच किया गया था और आज इसका मार्केट कैप $732 अरब डॉलर है, यानी अकेले बिटकॉइन कई देशों के सकल घरेलू उत्पाद से ज़्यादा है.
इन दिनों एक बिटकॉइन की क़ीमत 30 लाख रुपए है. हाल में जब टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने घोषणा की कि उनकी कंपनी कारों के पेमेंट बिटकॉइन करेंसी में नहीं स्वीकार करेगी तो बिटकॉइन की क़ीमत 45 लाख रुपए से 25 लाख रुपये प्रति बिटकॉइन हो गयी. अब धीरे-धीरे इसका मूल्य एक बार फिर बढ़ रहा है.