क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार

Cryptocurrency App: क्रिप्टो में पैसा लगाने के लिए 5 बेस्ट और सुरक्षित ऐप्स, फर्जी ऐप्स से न खाएं धोखा
Cryptocurrency App in india: अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने की सोच रहे हैं, तो जरूरी है कि सुरक्षित ऐप्स का ही इस्तेमाल किया जाए. यहां हम आपको 5 बेस्ट ऐप्स की लिस्ट बता रहे हैं.
By: ABP Live | Updated at : 20 Jan 2022 08:48 AM (IST)
Best Cryptocurrency Apps India: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) इन दिनों काफी पॉपुलर हो रही है. यह एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है, जिसकी डिमांड पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ी है. कई लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करके मोटी रकम कमा ली है. ऐसे में अगर आप भी Bitcoin, Ethereum, Tether, Shiba या ऐसी ही किसी क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं और आपको जानकारी नहीं कैसे और कहां करना क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार है, तो खबर आपके लिए है. यहां हम पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एप्स (cryptocurrency exchange apps) की लिस्ट लेकर आए है, जिनके जरिए आप क्रिप्टोकरेंसी की कीमत जानने से लेकर इन्हें खरीद और बेच भी सकते हैं.
CoinSwitch
यह सबसे सुरक्षित क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग ऐप्स में से एक है. यहां आप 100 रुपये की शुरुआती निवेश से Bitcoin, Ethereum, Ripple जैसे 100 से ज्यादा क्रिप्टोस खरीद सकते हैं. इसमें सिंपल और यूजर फ्रेंडली इंटरफेस मिलता है. यूजर्स अपनी प्राइवेसी से समझौता किए बिना क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षित रूप से खरीद, बेच और एक्सचेंज कर सकते हैं. ऐप पर क्रिप्टो न्यूज का अपडेट भी मिलता है.
ZebPay App
Zebpay सबसे पुरानी और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार एक्सचेंज एप्स में से एक है. आप इस ऐप पर साइन अप करके और मोबाइल नंबर के जरिए पूरी केवाईसी डीटेल्स देकर ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा, ऐप रेफर-एंड-अर्न फीचर के साथ आता है. कंपनी के मुताबिक, उनके दुनियाभर में 50 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं.
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CoinDCX
CoinDCX क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट शुरू करने के लिए एक बेहतरीन बिटकॉइन क्रिप्टोक्यूरेंसी ऐप है. 7.5 मिलियन से ज्यादा भारतीय यूजर्स इस बिटकॉइन ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके जरिए बिटकॉइन (बीटीसी), एथेरियम (ईटीएच), और ऐसी ही टॉप क्रिप्टोकरेंसी में अपना निवेश शुरू कर सकते हैं. आप ऐप पर 200 से ज्यादा ट्रेड कॉइन खरीद या बेच सकते हैं.
Unocoin
यह भी भारत के सबसे पुराने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ऐप्स में से एक है. इसका यूजर इंटरफेस काफी सिंपल है और यह ढेर सारे क्रिप्टोकरेंसी को सपोर्ट करता है. ऐप यूजर्स की प्राइवेसी का ख्याल रखता है क्योंकि यह फिंगर आईडी और पासकोड के जरिए से बायोमेट्रिक सिक्योरिटी फीचर्स प्रदान करता है.
WazirX
यह 80 लाख से ज्यादा यूजर्स के साथ भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज ऐप है. इस सुरक्षित क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज ऐप के जरिए आप बिटकॉइन, रिपल, एथेरियम, ट्रॉन समेत 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने के लिए का काम कर सकते हैं. इसके सबसे पॉप्युलर फीचर में से एक है कि आप विभिन्न कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेकर कॉइन कमा सकते हैं जो ऐप के इंफो सेक्शन पर पाए जा सकते हैं.
Published at : 20 Jan 2022 08:48 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin bitcoin app Cryptocurrency app हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Technology News in Hindi
क्या है क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) तथा बिटकॉइन?
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, ऑनलाइन कमाई तथा यात्रा एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तथा रोचक क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार जानकारी आप तक लेकर आते हैं। आज इस लेख में हम बात करेंगे क्रिप्टोकरेंसी की, जानेंगे यह क्या है? (What is Cryptocurrency in Hindi) क्रिप्टोकरेंसी किस प्रकार कार्य करती है और अंत में देखेंगे क्यों अधिकांश देशों की सरकारें इसके इस्तेमाल को कानूनी मान्यता देने से बचती आई हैं।
मुद्रा (Currency)
मुद्रा से हम सभी वाकिफ़ हैं। दुनियाँ में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मुद्रा की आवश्यकता होती है। इसका उपयोग हम प्रतिदिन वस्तुओं तथा सेवाओं को खरीदने में करते हैं। मुद्रा के प्रकारों में समय के साथ बदलाव आते रहे हैं। उदाहरण के तौर पर प्राचीन काल में वस्तुओं को मुद्रा के रूप में इस्तेमाल किया जाता था तत्पश्चात सोने तथा अन्य महँगी धातुओं का प्रयोग मुद्रा के रूप में होने लगा तथा आधुनिक समय में कागज की मुद्रा प्रचलन में आई जिसका वर्तमान में भी प्रयोग किया जाता है।
समय के साथ बैंकिंग क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का व्यापक प्रभाव पड़ा जिससे बैंक में उपलब्ध मुद्रा का ऑनलाइन इस्तेमाल कर कहीं भी कभी भी लेन-देन करना आसान हो गया तथा मुद्रा का एक नया रूप प्लास्टिक मुद्रा (क्रेडिट कार्ड तथा डेबिट कार्ड) प्रचलन में आई जिसका हम दैनिक जीवन में इस्तेमाल करते हैं। इन सब के अतिरिक्त मुद्रा का एक नया रूप हमारे सामने है जिसे आभासी या डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है?
किसी भी देश की मुद्रा जैसे भारतीय रुपया, अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड आदि उनके केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी तथा समर्थित होती हैं। यह भौतिक मुद्रा होती हैं जिसे आप देख अथवा छू सकते हैं और नियमानुसार किसी भी स्थान या देश में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) एक प्रकार की डिजिटल या आभासी करेंसी (मुद्रा) होती है जिसे आप देख या छू नहीं सकते।
पहली क्रिप्टोकरेंसी जिसे बिटकॉइन के नाम से जाना जाता है कि शुरुआत साल 2009 में सतोषी नकामोटो नामक व्यक्ति द्वारा की गई। इन्हीं ने सर्वप्रथम ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इस मुद्रा का निर्माण किया। 2008 में जारी अपने एक रिसर्च पेपर में उन्होंने बताया कि किस प्रकार किसी विकेन्द्रीकृत मुद्रा के प्रयोग से बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थाओं को मध्यस्थ की भूमिका से बाहर किया जा सकता है। वर्तमान में दुनियाँ भर में तकरीबन 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। जिनमें बिटकॉइन, लाइटकॉइन, ईथर, डैशकॉइन, रिपल आदि शामिल हैं।
क्रिप्टोकरेंसी की कार्यप्रणाली
क्रिप्टोकरेंसी एक बेहद महत्वपूर्ण तकनीक ब्लॉकचेन पर आधारित है। इस तकनीक की सहायता से किसी भी प्रकार की सूचना का एक विकेन्द्रीकृत बहीखाता या Ledger तैयार किया जा सकता है। इस नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के पास सूचना का यह बहीखाता मौज़ूद होता है। वर्तमान में इस तकनीक का इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार मुख्यतः क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में किया जा रहा है।
सामान्य बैंकिंग प्रक्रिया में लेन-देन का विवरण बैंकों द्वारा सत्यापित किया जाता है जबकि क्रिप्टोकरेंसी में किये गए विनिमय को ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से ब्लॉकचेन नेटवर्क से क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार जुड़े कुछ लोगों जिन्हें माइनर्स कहा जाता है द्वारा सत्यापित किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के किसी लेन-देन को सत्यापित कर उसे सूचना के एक ब्लॉक रूप में परिवर्तित करना बेहद जटिल गणितीय कार्य होता है जिसके लिए अत्यधिक कंप्यूटर क्षमता, विद्युत आपूर्ति तथा हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता होती है।
प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी का एक विशेष ब्लॉकचेन नेटवर्क होता है जिसमें उस करेंसी का सम्पूर्ण लेन-देन मौजूद होता है। किसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) के लेन-देन को सत्यापित कर उसे ब्लॉक में दर्ज किए जाने के बदले माइनर्स को प्रोत्साहन के तौर पर उस क्रिप्टोकरेंसी की कुछ मात्रा प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया से नई निर्मित क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार में आती है, इसीलिए इस प्रक्रिया को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहा जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे
- चूँकि क्रिप्टोकरेंसी किसी देश या सरकार के नियंत्रण में नहीं है अतः किसी देश की आर्थिक स्थिति या आर्थिक निर्णयों जैसे नोटबंदी या घरेलू मुद्रा के अवमूल्यन का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- जहाँ बैंकों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर लेन-देन करने में अधिक शुल्क तथा समय लगता है वहीं क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन त्वरित तथा अत्यंत कम शुल्क में हो जाता है।
- इसमें लेन-देन करने के लिए किसी पहचान पत्र आदि की आवश्यकता नहीं होती अतः किन्हीं दो व्यक्तियों के मध्य होने वाला लेन-देन गुप्त रहता है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान
- क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वाले व्यक्तियों की जानकारी पूर्णतः गोपनीय होती है अतः इसका प्रयोग गैर-कानूनी गतिविधियों जैसे किसी के निजी डेटा को बेचना, फिरौती, गैर-कानूनी वस्तुओं का व्यापार तथा मानव तस्करी आदि करने में भी किया जाता है।
- इसके इस्तेमाल में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। किसी गलत पते पर क्रिप्टोकरेंसी के हस्तांतरण हो जाने की स्थिति में उसे पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता न ही उस व्यक्ति की पहचान करना संभव है।
- चूँकि क्रिप्टोकरेंसी पूर्णतः बाजार के नियंत्रण में है अतः यह बहुत अस्थिर है। इसकी कीमतों में अचानक गिरावट आने की संभावना बनी रहती है जिससे ऐसी मुद्राओं में निवेश करने वाले निवेशकों की पूँजी डूब सकती है। उदाहरण के तौर पर साल 2013 में बिटकॉइन में एक ही दिन में 70 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
- क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में अत्यधिक मात्रा में कंप्यूटर क्षमता की आवश्यकता होती है जो ऊर्जा अपव्यय का एक मुख्य कारण है।
- सरकारों तथा केन्द्रीय बैंकों के नियंत्रण में न होने के चलते इसके प्रयोग से कर चोरी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का रुख
साल 2018 में रिजर्व बैंक ने अपने द्वारा विनियमित सभी बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार से स्वयं को अलग करने के निर्देश दिये तथा भारत मे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की सुविधा उपलब्ध कराने वाली विभिन्न कंपनियों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध न कराने का निर्णय लिया। इसके विरोध में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
4 मार्च 2020 को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक के फैसले को खारिज़ करते हुए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के पक्ष में फैसला सुनाया। वर्तमान परिदृश्य में भारत मे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना गैरकानूनी नहीं है हालाँकि इनकी अस्थिरता को देखते हुए सरकार इनमें निवेश करने से बचने की सलाह देती रही है। भारत मे क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनियों में Unocoin, ZebPay आदि प्रमुख हैं।
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ईथर (ETH) क्या है?
कुछ इथेरियम खरीदना चाहते हैं? इथेरियम और ETH को मिलाना आम है। इथेरियम ब्लॉकचेन है और ETH इथेरियम की प्राथमिक संपत्ति है। ETH वह है, जिसे आप शायद खरीदना चाहें। इथेरियम के बारे में अधिक जानकारी .
ETH के बारे में क्या अनोखा है?
इथेरियम पर कई क्रिप्टोकरेंसी और बहुत सारे अन्य टोकन हैं, लेकिन कुछ चीजें हैं, जो केवल ETH से ही कर सकते हैं।
ETH, इथेरियम को मज़बूती देता है और सुरक्षित करता है
ETH इथेरियम की जीवनदायिनी है। जब आप ETH भेजते हैं या इथेरियम एप्लिकेशन का उपयोग करते हैं, तो इथेरियम नेटवर्क का उपयोग करने के लिए आपको ETH में शुल्क देना होगा। यह शुल्क ब्लॉक निर्माता के लिए प्रोत्साहन है, जो उन्हें आपके काम को संसाधित और सत्यापित करने के लिए दिया जाता है।
मौजूदा समय में, माइनर इथेरियम के रिकॉर्ड-कीपर की तरह काम करते हैं—वे इस बात की जाँच करते हैं और साबित करते हैं कि कोई धोखाधड़ी नहीं कर रहा है, और लेन-देन के ब्लॉक का प्रस्ताव देने के अधिकार के लिए काम करते हैं। यह काम करने वाले माइनर को कुछ नए जारी हुए ETH से पुरस्कृत भी किया जाता है।
माइनर, जो काम करते हैं, उससे इथेरियम को सुरक्षित और केंद्रीकृत निय ंत्रण से मुक्त रखा जाता हैं। दूसरे शब्दों में ETH, इथेरियम को मज़बूती प्रदान करता है .
जल्दी ही, स्टेकिंग के साथ ETH और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा। जब आप अपने ETH को स्टेक करते हैं, तो आप इथेरियम को सुरक्षित करने और पुरस्कार अर्जित करने में मदद कर पाएंगे। इस सिस्टम में, उनके ETH को खोने का खतरा हमलावरों को रोकता है। स्टेकिंग के बारे में अधिक जानकारी
इथेरियम क्या है?
यदि आप इथेरियम के बारे क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार में अधिक जानना चाहते हैं, तो ETH के पीछे की तकनीक, हमारा परिचय देखें।
ETH इथेरियम वित्तीय प्रणाली को मज़बूत बनाता है
भुगतान से संतुष्ट नहीं हैं, इथेरियम समुदाय एक संपूर्ण वित्तीय प्रणाली का निर्माण कर रहा है, जो पीयर-टू-पीयर और सभी के लिए सुलभ है।
इथेरियम पर पूरी तरह से अलग क्रिप्टोक्यूरेंसी टोकन जनरेट करने के लिए आप ETH को संपार्श्विक के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, आप ETH को उधार ले सकते हैं, उधार दे सकते हैं और अन्य ETH समर्थित टोकन पर ब्याज कमा सकते हैं।
DeFi पर अधिक
DeFi इथेरियम पर न िर्मित विकेंद्रीकृत वित्तीय प्रणाली है। यह अवलोकन बताता है कि आप क्या कर सकते हैं।
ETH के लिए उपयोग हर दिन बढ़ता है
इथेरियम प्रोग्राम करने योग्य है, इसलिए डेवलपर ETH को अनगिनत तरीकों से आकार दे सकते हैं।
2015 में, आप सभी ETH को एक इथेरियम खाते से दूसरे में भेज सकते थे। यहां पर कुछ चीजें दी गई हैं, जो आप आज कर सकते हैं।
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– किसी को भुगतान करें या वास्तविक समय में धन प्राप्त करें। – आप बिटकॉइन सहित अन्य टोकन के साथ ETH को ट्रेड कर सकते हैं। – ETH और अन्य इथेरियम-आधारित टोकन पर। – एक स्थिर, कम-अस्थिर मूल्य वाली क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया तक पहुंच।
ETH कहां से प्राप्त करें
आप ETH को एक्सचेंज या वॉलेट से प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन विभिन्न देशों की अलग-अलग नीतियां हैं। उन सेवाओं को देखने के लिए जांचें, जो आपको ETH खरीदने की अनुमति देंगी।
ETH का मूल्य क्यों है?
विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग तरीकों से ETH का मूल्य होता है।
इथेरियम के उपयोगकर्ताओं के लिए, ETH मूल्यवान है क्योंकि यह आपको लेनदेन शुल्क का भुगतान करने देता है।
अन्य इसे मूल्य के डिजिटल स्टोर के रूप में देखते हैं क्योंकि नए ETH का निर्माण समय के साथ धीमा हो जाता है।
हाल ही में, ETH, इथेरियम पर वित्तीय ऐप के उपयोगकर्ताओं के लिए मूल्यवान हो गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आप क्रिप्टो ऋणों के लिए या भुगतान प्रणाली के रूप में ETH को संपार्श्विक के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
बेशक कई इसे बि टकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी के समान निवेश के रूप में भी देखते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार
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ब्लॉकचेन कानून : पक्ष- विपक्ष
हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी तथा ब्लॉकचेन की वैधता का विश्लेषण करने के लिए गठित अंतर-मंत्रिस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट दी है। इस समिति की सिफारिश को मानते हुए क्रिप्टोकरेंसी एण्ड रेग्यूलशन ऑफ ऑफिशियल डिजीटल करेंसी बिल, 2019 में इससे संबंधित कठोर दंड का प्रावधान रखा गया है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है ?
यह एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा है, जो भौतिक रूप में उपलब्ध नहीं होती। यह आभासी (वर्चुअल) मुद्रा है। इसका उपयोग ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से लेन-देन के लिए किया जाता है। बिटकॉइन इथीरियम, रिप्पल, लाइटकॉइन आदि कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी हैं।
वर्तमान विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी रखने, बेचने या लेन-देन करने पर 10 वर्ष के कारावास का भी प्रावधान है। सरकार को अंदेशा है कि इस करेंसी का उपयोग कालेधन को वैध बनाने के लिए किया जा सकता है। इसलिए विधेयक लाया गया है।
इंटरनेट के आने के बाद से तकनीकी क्रांति की दिशा में बढ़ते भारत के लिए ऐसा नियमन कानून प्रस्तावित करना एक महत्वपूर्ण कदम है।
ब्लॉकचेन के लाभ –
यह ऐसी तकनीक है, जिसमें क्रेता-विक्रेता के मध्य पैसे का सीधा स्थानांतरण किया जा सकता है। इसमें किसी बिचौलिए की आवश्यकता नहीं होती। वर्तमान में दो लोगों के मध्य धन का ट्रांजैक्शन बैंक, मनी ट्रांसफर आदि के माध्यम से होता है। ब्लॉकचेन तकनीक से जुड़े प्रत्येक कंप्यूटर में ट्रांजैक्शन की वैधता को जांचा और उसका ब्योरा रखा जाता है। जो लोग अपना कंम्प्यूटर इस तकनीक से जोड़ते हैं, उन्हें वेलीडेटर्स कहा जाता है। इसके माध्यम से ट्रांजैक्शन बनाने पर उन्हें टोकन के रूप में शुल्क मिलता है।
सरकार क्राइम और हैकिंग को रोकने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक को फुलप्रूफ सिस्टम के तौर पर जाना जाता है।
ब्लॉकचेन डिजिटल करेंसी बिटकॉइन पर आधारित है। यह मुद्रा विकेन्द्रित क्रिप्टो करेंसी होती है। इसे कभी भी कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मुद्रा पर किसी व्यक्ति, सरकार या कम्पनी का स्वामित्व नहीं होता है। इस कारण कभी किसी तरह की बेईमानी होने पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकती।
ब्लॉकचेन के नैनो पेमेंट और इंटरनेट पर लेन-देन के अनेक लाभ हैं। इसके कारण फेसबुक जैसी कंपनी ने हाल ही में अपने भुगतान, किसी बैंक के बजाय ब्लॉकचेन के माध्यम से करने की घोषणा की है।
अनेक पूंजीपतियों ने भी 2018 में 24 अरब डॉलर का निवेश ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी स्टार्टअप में किया है। 2019 में इसके बढ़ने की संभावना है।
विधेयक का प्रभाव
भारत में ऐसा कानून लाने से ब्लॉकचेन नेटवर्क के वेलीडेटर के रूप में ट्रांजैक्शन फीस कमाने का अवसर खत्म हो जाएगा। तकनीक से जुड़े नवोन्मेष से होने वाले लाभों से भारतीय वंचित रह जाएंगे।
यूरोपीय उदाहरण
यूरोप की संसद और परिषद कालेधन को वैध बनाने संबंधी दिशानिर्देशों पर काम कर रही है। इसके कार्यान्वयन की तिथि जनवरी 2020 रखी गई है। इसके अंतर्गत क्रिप्टोकरेंसी में डील करने वालों का “नो योर कस्टमर” रिकार्ड रखा जाएगा। उन्हें स्थानीय प्रशासन में पजींकरण भी कराना होगा।
यूरोपीय संघ आयोग ने भी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई नियम-कानून बनाकर उनके परिचालन को नियंत्रित करने की तैयारी कर ली है। भारत भी इस प्रकार के साधन अपना सकता है, जिससे देशवासी तकनीक के लाभों से वंचित न रहें।
‘द हिन्दू’ में प्रकाशित अनिल के. एंटनी और अंकुर प्रसाद के लेख पर आधारित। 18 जुलाई, 2019
क्या सरकार अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने के बारे में सोच रही है?
सरकार बिटकॉइन समेत किसी प्रकार की निजी डिजिटल करेंसी के पक्ष में नहीं है मगर एक सरकारी समिति ने एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी की जरूरत बताई है.
जून में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा एक मसौदा पेश किया था, जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, बनाने, खरीदने, बेचने, खत्म करने, इस्तेमाल करने या सौदा करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान था.
हाइलाइट्स
- केंद्र सरकार की अंतर-मंत्रालयी समिति ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है.
- अभी तक दुनिया भर में कुल 2,116 क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिनका कुल बाजार पूंजीकरण $119.46 अरब का है.
- क्रिप्टोकरेंसी न तो लीगल टेंडर के समान हो सकती है और न ही इसे ऐसा समझा जाना चाहिए.
गौरतलब है कि इस समिति का गठन 2 नवंबर 2017 को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मामलों के अध्ययन के लिए किया गया था. इस समिति को इस बारे में रूपरेखा बनाने के लिए भी कहा गया था. इसने निजी क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपना फैसला दिया है. सरकार का तर्क है कि वह निवेशकों के पैसों को जोखिम में नहीं डाल सकती.
मगर आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाली एक अन्य सरकारी समिति ने एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी की जरूरत बताई है. उसका कहना है कि इसे लीगल टेंडर माना जा सकता है. इस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नियंत्रण होगा. इस पैनल में इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्रालयों के सचिव, सेबी प्रमुख और RBI के डिप्टी गवर्नर भी शामिल थे.
अभी तक दुनिया भर में कुल 2,116 क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिनका कुल बाजार पूंजीकरण $119.46 अरब का है. GREX और RealX के सीईओ मनीष कुमार ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार है कि समिति ने सिर्फ निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा है.
उन्होंने कहा, "इस समिति ने क्रिप्टोकरेंसी की अवधारणा को खारिज नहीं किया है. इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि किप्टो-तकनीक के दूसरे प्रयोगों को हरी झंडी दिखाई गई है." GREX एक निजी मार्केट प्लेटफॉर्म है, जो कंपनियों को वित्तीय प्रोडक्ट्स तक पहुंच बनाने में मदद करता है.
कुमार ने कहा, "जो हम समझ पा रहे हैं, उसके मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी की अवधारणा पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. इस समिति का मानना है कि निजी उद्यमों के बजाय सिर्फ सरकार के पास ही क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के अधिकार होने चाहिए."
उधर, अंतर-मंत्रालय समिति ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह स्थाई समिति के रूप में अपने पक्ष पर दोबारा विचार करने के लिए तैयार है. सुप्रीम कोर्ट की वकील और साइबर लॉ विशेषज्ञ एनएस नप्पिनई ने क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार कहा कि सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पेश करने का विचार एक गलत धारणा है.
उन्होंने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी न तो लीगल टेंडर (सरकार द्वारा जारी मुद्रा) के समान हो सकती है और न ही इसे ऐसा समझा जाना चाहिए. भले ही यह कागज पर हो या डिजिटल रूप में. सरकार द्वारा जारी डिजिटल करेंसी वैध करेंसी होगी."
उन्होंने कहा कि अभी तक यह भी साफ नहीं है कि सरकार क्यों अपनी डिजिटल करेंसी पेश करने के बारे में सोच रही है. उनके अनुसार, "यदि सरकार इसे जारी करती है, जो इसकी वैल्यूएशन रुपये के सामने आंकी जाएगी. इसकी वैल्यू घरेलू करेंसी से अधिक या कम नहीं हो सकती है."
नप्पिनई ने बताया कि सरकार को इस मंशा के पीछे के मकसद का आंकलन करना होगा. उन्होंने कहा, "अपनी अलग डिजिटल करेंसी पेश करने की कवायद में लगने से पहले सरकार को भी कई सवालों के जवाब देने होंगे." क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध लगाने से बेहतर होगा उसके लिए कानून पेश हो.
मौजूदा समय में भारत में डिजिटल करेंसी पर प्रतिबंध नहीं है. मगर नियामक प्राधिकरणों ने कारोबारियों और यूजर्स को इससे जुड़े जोखिम के विषय में बार बार सावधान किया है. साथ ही वे उन्हें इस प्रकारण के कृत्रिम उपकरणों की खरीद-फरोख्त से दूर रहने की भी सलाह देते रहे हैं.
साल 2018 के आम बजट में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने साफ किया था कि क्रिप्टोकरेंसी लीगल टेंडर (वैध पैसा) नहीं है. उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार इन्हें वित्तीय प्रणाली से हटाने के सभी संभव प्रयास करेगी. उन्होंने 'भुगतान या उस प्रणाली के अंश के लिए अवैध वित्तीयकरण' में इनका इस्तेमाल रोकने की बात भी कही थी.
जून में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा एक मसौदा पेश किया था, जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, बनाने, खरीदने, बेचने, खत्म करने, इस्तेमाल करने या सौदा करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान था. नप्पिनई का मानना है कि वे 'निजी क्रिप्टोकरेंसी' के भविष्य को लेकर संशय में हैं.
उन्होंने कहा, "आखिरकार, फेसबुक के ऐलान के बाद भारत भी इस दिशा में कदम बढ़ान के लिए जाग गया. फेसबुक ने अपनी कृत्रिम करेंसी 'लिब्रा' लॉन्च करने का ऐलान किया है. मगर सरकार का सबसे बड़ा डर है कि इनका इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने या मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हो सकता है."
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