आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना

क्रिप्टो करेंसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, बदल जाएगा बाज़ार का समीकरण
बिटकॉइन एक एक डिजिटल करेंसी है. यह एक ऐसी करेंसी है जिसको आप ना तो देख आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना सकते हैं और न ही छू सकते हैं. यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है और अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है.
By: मृत्युंजय सिंह | Updated at : 04 Mar 2020 02:31 PM (IST)
नई दिल्ली: क्रिप्टो करेंसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के उस बैन को हटाने का फैसला किया है जिसे आरबीआई ने साल 2018 में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग से जुड़ी वित्तीय सेवाओं पर लगा दी थी. क्रिप्टो करेंसी पर आरबीआई के बैन लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.
सबसे पहले जानिए क्या होती है क्रिप्टो करेंसी ?
जिस प्रकार से आपके हाथ में रुपए का नोट होता है और रिज़र्वे बैंक ऑफ इंडिया आपको यह नोट देता है. आप बतौर धारक उस नोट के मालिक होते हैं चाहे वह नोट ₹100 का हो या ₹2000 का. आप लेनदेन के लिए यही नोट देकर खरीदारी करते हैं. यहां तक कि आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से लेनदेन करते हैं यह भी बैंक की निगरानी में होता है.लेकिन , कागज के नोट से अलग क्रिप्टो करेंसी एक स्वतंत्र मुद्रा है जिस पर किसी का कोई मालिकाना हक नहीं होता. यानी RBI का इससे कोई लेना देना नहीं है.
आर्थिक विश्लेषक पंकज जायसवाल के मुताबिक, ' क्रिप्टो करेंसी एक आभासी मुद्रा है . आज के भौतिक मुद्रा की तरह इसका कोई धातु या कागज का स्वरूप नहीं है ना ही अंतिम तौर पे इसकी गारंटी किसी राज्य एवं उसके केन्द्रीय बैंक द्वारा कोई भौतिक स्वरूप में है. यह विशुद्ध रूप से एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप ना तो देख सकते हो और ना ही आप छू सकते हैं. हां इसे आप इलेक्ट्रॉनिक स्टोर कर सकते हैं.
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अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह वर्चुअल बाजार में आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है. एक यह एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर के एल्गोरिदम पर आधारित होती है. यह मुद्रा किसी भी एक संस्था या अथॉरिटी के अंतर्गत नहीं आती. क्योंकि यह डिजिटल या क्रिप्टो करेंसी इंटरनेट पर चलने वाली होती है. इसीलिए इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है.'
क्रिप्टो करेंसी का इतिहास इसका अविष्कार सातोशी नकामोतो नामक एक इंजीनियर ने वर्ष 2008 में किया था और 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया था. क्रिप्टो करेंसी पिछले एक दशक में काफी प्रचलित हुई है. इस वर्चुअल करेंसी की शुरुआत साल जनवरी 2009 में बिटकॉइन के नाम से हुई थी. उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पूरे दुनिया भर में बिटकॉइन रिप्लायड अथर्व और काटने जैसे करीब 2116 क्रिप्टो करेंसी चलन में है और अब पूरी दुनिया में इसका बाजार 119.46 अरब डॉलर का हो चुका है.
बदल जाएगा बाज़ार का समीकरण
क्रिप्टो करेंसी के आ जाने से पूरे बाजार का समीकरण बदल सकता है. दरअसल इस वर्चुअल करेंसी के इस्तेमाल कर आप दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए व्यक्ति को पेमेंट कर सकते हैं. क्रिप्टो करेंसी के जरिए लेनदेन करने के लिए ना तो आपको किसी बैंक जाने की जरूरत है और ना किसी संस्था से जुड़ने की जरूरत है. क्रिप्टो करेंसी के तहत लेन-देन पीयर टु पियर टेक्नोलॉजी पर आधारित है.
आर्थिक विश्लेषक पंकज जायसवाल के मुताबिक, 'जहां आम डेबिट /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में लगभग कुछ लेनदेन शुल्क लगता है वहीं इसके लेनदेन मे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है इस वजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है. किसी अन्य क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है, न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन देन के बारे में पता किया जा सकता है.
Published at : 04 Mar 2020 02:30 PM (IST) Tags: Crypto currency RBI Bitcoin हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
बिटकॉइन क्या है ? बिटकॉइन कैसे काम करता है ? what is bitcoin? how bitcoin work?
बिटकॉइन क्या है? (What is Bitcoin?)
What is bitcoin?: सातोशी नाकामोटो ने वर्ष 2008 में बिटकॉइन की शुरुआत की थी। बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) या एक डिजिटल मुद्रा है जो मुद्रा की इकाइयों के विनियमन और उत्पादन के लिए क्रिप्टोग्राफी के नियमों का उपयोग करता है। इसे आमतौर पर विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा कहा जाता है।
bitcoin एक प्रकार की डिजिटल संपत्ति है। जिसे इंटरनेट पर सुरक्षित रूप से दो पक्षों के बीच खरीदा, बेचा और हस्तांतरित किया जा सकता है। bitcoin का उपयोग ठीक सोने, चांदी और कुछ अन्य प्रकार के निवेश जैसे मूल्यों को संग्रहीत करने के लिए किया जा सकता है। हम बिटकॉइन का उपयोग उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के साथ-साथ भुगतान और विनिमय मूल्यों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने के लिए भी कर सकते हैं।
bitcoin अन्य पारंपरिक मुद्रा जैसे रुपए और डॉलर इत्यादि से अलग है, जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक रूप से चीजों को खरीदने और सेवाओं का भुगतान करने के लिए भी किया जा सकता है। बिटकॉइन या पेपर बिल के लिए कोई भौतिक सिक्के नहीं हैं। जब आप किसी को बिटकॉइन भेजते हैं या कुछ भी खरीदने के लिए बिटकॉइन का उपयोग करते हैं, तो आपको बैंक, क्रेडिट कार्ड, या किसी अन्य तीसरे पक्ष का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय, आप इंटरनेट पर सुरक्षित रूप से और लगभग तुरंत ही किसी अन्य पार्टी को सीधे बिटकॉइन भेज सकते हैं।
bitcoin एक क्रिप्टोकरेंसी है, एक प्रकार का डिजिटल, निजी पैसा है जो बैंक या सरकार की भागीदारी के बिना संचालित होता है।
bitcoin ऑनलाइन एक्सचेंजों पर ट्रेड करता है, और इसकी कीमत 2009 की शुरुआत के बाद से बढ़ी है, यह तेजी से निवेशकों की रुचि को आकर्षित कर रहा है।
एक निवेश संपत्ति के रूप में, बिटकॉइन पूंजी की सराहना और एक मुद्रास्फीति की हेज प्रदान करता है, लेकिन इसकी अस्थिर कीमत झूलों से यह एक उच्च-जोखिम, दीर्घकालिक निवेश होता है।
bitcoin, एक प्रकार का धन है जिसे अक्सर एक क्रिप्टोकरेंसी या एक डिजिटल मुद्रा के रूप में वर्णित किया जाता है – जो पूरी तरह से आभासी है।
यह नकदी के एक ऑनलाइन संस्करण की तरह है। आप इसका उपयोग उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के लिए कर सकते हैं, लेकिन कई लोग अभी तक बिटकॉइन को स्वीकार नहीं करते हैं और कुछ देशों ने इसे पूरी तरह से बैन कर दिया है।
बिटकॉइन कैसे काम करता है? (How Bitcoin Work?)
how bitcoin work? प्रत्येक बिटकॉइन मूल रूप से एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जिसे स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना ‘डिजिटल वॉलेट’ में स्टोर किया जाता है।
लोग अपने डिजिटल वॉलेट में बिटकॉइन (या उसका एक हिस्सा) रख सकते हैं, और वह अन्य लोगों को बिटकॉइन भेज सकते हैं।
हर एक लेन-देन को एक सार्वजनिक लिस्ट में नोट किया जाता है इस लिस्ट को ब्लॉकचेन कहते है।
इससे बिटकॉइन के लेन देन को ट्रेस करना पॉसिबल हो जाता है ताकि वे लोगों को उन बिटकॉइंस को यूज करने से रोक सके जो उनके पास नहीं है।
पारंपरिक बैंकिंग और भुगतान प्रणालियों के विपरीत बिटकॉइन प्रणाली, डी-सेंट्रलाइज्ड ट्रस्ट पर आधारित है। बिटकॉइन में एक केंद्रीय विश्वसनीय प्राधिकरण के बजाय, बिटकॉइन सिस्टम में विभिन्न प्रतिभागियों के इंटरैक्शन से एक उभरती हुई संपत्ति के रूप में विश्वास हासिल किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर जब आप किसी अन्य व्यक्ति को ईमेल भेजते हैं, तो आप बस एक ईमेल पता टाइप करते हैं और उस व्यक्ति से सीधे संवाद कर सकते हैं। जब आप एक त्वरित संदेश भेजते हैं तो यह एक ही बात है। दो पक्षों के बीच इस प्रकार के संचार को आमतौर पर पीयर-टू-पीयर संचार के रूप में जाना जाता है।
जब भी आप इंटरनेट पर किसी को पैसे ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो आपको थर्ड-पार्टी जैसे बैंक, क्रेडिट कार्ड, पेपाल या किसी अन्य प्रकार की मनी ट्रांसफर सेवाओं का उपयोग करना होगा। तृतीय-पक्ष का उपयोग करने का कारण यह सुनिश्चित करना है कि आप उस पैसे को स्थानांतरित कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में, आपको यह सत्यापित करने में सक्षम होने की आवश्यकता है कि दोनों पक्षों ने वास्तविक विनिमय में क्या करने की आवश्यकता है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप उस फोटो पर क्लिक करते हैं जिसे आप किसी अन्य व्यक्ति को भेजना चाहते हैं, तो आप बस उस तस्वीर को ईमेल पर संलग्न कर सकते हैं, रिसीवर का ईमेल पता टाइप करें और उसे भेजें। दूसरा व्यक्ति फोटो प्राप्त करेगा, और आपको लगता है कि यह समाप्त हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। अब, हमारे पास फोटो की दो प्रतियां हैं, एक सरल ईमेल है, और दूसरा एक मूल फ़ाइल है जो अभी भी मेरे कंप्यूटर पर है। यहां, हम मूल फ़ाइल की नहीं, फ़ोटो की फ़ाइल की प्रति भेजते हैं। यह समस्या आमतौर पर दोहरे खर्च की समस्या के रूप में जानी जाती है।
दोहरे खर्च की समस्या यह निर्धारित करने के लिए एक चुनौती प्रदान करती है कि लेनदेन वास्तविक है या नहीं। हस्तांतरण को प्रमाणित करने के लिए बैंक या किसी अन्य संस्थान की आवश्यकता के बिना आप इंटरनेट पर किसी को बिटकॉइन कैसे भेज सकते हैं। उत्तर हजारों कंप्यूटरों के एक विशाल नेटवर्क में उत्पन्न होता है जिसे बिटकॉइन नेटवर्क या ब्लॉकचैन कहा जाता है।
बिटकॉइन में, लेन-देन से संबंधित सभी जानकारी मैथ्स का उपयोग करके सुरक्षित रूप से कैप्चर की जाती है, क्रिप्टोग्राफिक रूप से संरक्षित की जाती है, और डेटा को कंप्यूटर के पूरे नेटवर्क में संग्रहीत और सत्यापित किया जाता है। दूसरे शब्दों में, लेन-देन को प्रमाणित करने के लिए बैंकों जैसे कि तृतीय-पक्ष का एक केंद्रीकृत डेटाबेस होने के बजाय। बिटकॉइन प्रत्येक लेनदेन को सुरक्षित रूप से सत्यापित करने, पुष्टि करने और रिकॉर्ड करने के लिए कंप्यूटर के विकेंद्रीकृत नेटवर्क में ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करता है।
चूंकि डेटा एक विस्तृत नेटवर्क में विकेंद्रीकृत तरीके से संग्रहीत होता है, इसलिए विफलता का एक भी बिंदु नहीं है। यह ब्लॉकचैन को एक ही केंद्रीकृत स्थान पर रखने की तुलना में धोखाधड़ी, छेड़छाड़ या सामान्य प्रणाली विफलता के लिए अधिक सुरक्षित और कम प्रवण बनाता है।
तो दोस्तों इस आर्टिकल में हमने जाना की बिटकॉइन क्या है? what is bitcoin? और बिटकॉइन कैसे काम करता है? how bitcoin work? तो दोस्तों आशा करता हूं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अपने सोशल मीडिया अकांउट जैसे facebook, whatsapp, tweetar आदि पर शेयर जरूर कर देना?
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आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना
अब हम अपने दाताओं के लिए एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में क्रिप्टोकरेंसी देने की पेशकश करने के लिए उत्साहित हैं। क्रिप्टोक्यूरेंसी दान करने से आपको परिवारों, बच्चों और ज़रूरतमंद वरिष्ठों को भोजन उपलब्ध कराते हुए कर लाभ मिल सकता है।
स्टॉक और म्यूचुअल फंड की तरह, क्रिप्टोकुरेंसी एक सराहनीय संपत्ति है। इस प्रकार का उपहार विशेष रूप से आकर्षक हो सकता है यदि आप बिटकॉइन, एथेरियम, या किसी अन्य आमतौर पर कारोबार की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी को धारण कर रहे हैं, जिसकी कीमत में काफी सराहना हो सकती है। यदि आपने दान करने से पहले उस संपत्ति को पहले डॉलर में भुनाया, तो यह आपके पूंजीगत लाभ पर कर की अपेक्षा पैदा करेगा। हालांकि, फ़ूड बैंक को सीधे क्रिप्टोक्यूरेंसी उपहार देने का मतलब है कि आपका पूरा योगदान यूएस डॉलर में तत्काल वर्तमान मूल्यांकन पर कर-कटौती योग्य है, और मेट्रो अटलांटा और उत्तरी जॉर्जिया में भूख से लड़ने में आपका परोपकार तेजी से काम करता है। कृपया अपने कर पेशेवर से सलाह लें।
क्रिप्टो दान कैसे करें
द गिविंग ब्लॉक के सरल और सुरक्षित टूल का उपयोग करके अटलांटा कम्युनिटी फ़ूड बैंक को क्रिप्टोकरेंसी दान करना आसान है। अपना दान तीन आसान चरणों में करें:
- किसी भी सिक्के का चयन करें जिसे अटलांटा सामुदायिक खाद्य बैंक दान के लिए स्वीकार करता है और एक दान राशि दर्ज करें।
- नाम, ज़िप कोड और राज्य सहित अपनी जानकारी प्रदान करें या गुमनाम रूप से दान करना चुनें।
- आपको प्रदान किए गए पते का उपयोग करके अपने बटुए से दान करें।
सभी क्रिप्टोक्यूरेंसी दान अकाट्य हैं। चूंकि इन दानों को अक्सर फिएट मुद्रा में परिवर्तित कर दिया जाता है, अटलांटा सामुदायिक खाद्य बैंक क्रिप्टोकुरेंसी में किए गए किसी भी दान पर धनवापसी की पेशकश नहीं करता है। यदि आपने अपना विचार बदल दिया है, गलत क्रिप्टोकरेंसी भेजी है, या गलत निर्णय लिया है, तो फ़ूड बैंक धनवापसी नहीं आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना कर सकता है। फ़ूड बैंक दान के बदले में क्रिप्टोक्यूरेंसी एयरड्रॉप, सामान या सेवाओं के किसी भी रूप की पेशकश नहीं करता है, नहीं करता है और कभी नहीं करेगा। कृपया विजेट पर उल्लिखित ब्लॉकचेन पर सूचीबद्ध सटीक क्रिप्टोकरेंसी ही भेजें। कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी (लेयर 2, रैप्ड टोकन, एनएफटी या अन्य ईआरसी -20 टोकन सूचीबद्ध नहीं सहित) न भेजें क्योंकि ये असमर्थित हैं और इसके परिणामस्वरूप दान का नुकसान हो सकता है।
जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)?
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एक समय ऐसा था जब दुनिया में किसी भी प्रकार की मुद्रा नहीं चलती थी। पुराने ज़माने में लेन-देन केवल वस्तुओ के माध्यम से ही किया जाता था। जिसे हम सब Barter System के नाम से भी जानते हैं। लेकिन जेसे-जेसे समय बदलता गया वेसे-वेसे दुनिया अपग्रेड होती रही, और कुछ समय बाद नोट और सिक्कों का निर्माण हुआ जिस से लेन-देन का तरिका पूरी तरह से बदल गया।
और आज के समय में यही नोट और सिक्के हमारे प्रमुख करेंसी है, जिनके आधार पर पूरी दुनिया का लेने-देन चलता आ रहा है।
लेकिन क्या आप जानते हैं इनके अलावा भी एक करेंसी (Currency) है जो पूरी तरह से डिजिटल है। और इस डिजिटल करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी के नाम से जाना जाता है।आज समय एकदम फास्ट फॉरवर्ड हो चुका है, टेक्नोलॉजी (Technology) के साथ हर रोज एक नया आविष्कार कर के लोगो में जागरुकता फेला रहा है। लेकिन कई लोगो के मन में अभी भी ये प्रश्न है की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है? और ये करेंसी डिजिटल हो के भी काम कैसे करती हैं? साथ ही इसे इस्तमाल करने के फ़ायदे क्या है?
सारे स्वालो के जवाब जान ने के लिए आर्टिकल (Article) को पूरा जरूर पढ़े।
मुद्रा (Currency) क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को समझने से पहले हम जानेंगे की करेंसी (Currency) क्या है।
देखा जाए तो आज हर देश के पास अपनी-अपनी करेंसी है। जेसे भारत के पास अपनी मुद्रा (Currency) रुपया है, वेसे ही अमेरिका के पास डॉलर है। और हर एक देश के पास ठीक इसी तरह अपनी-अपनी देश की मुद्रा (Currency) है। करेंसी वो है जो देश दवारा मान्याता प्रपात की गई हो। तभी उस करेंसी की असली वैल्यू (Value) मानी जाती है। करेंसी के बदले में कोई भी वस्तु या सेवा खरीदी जा सके, उसे ही करेंसी कहा जाता है। देखा जाए तो करेंसी कागज और धातु के रूप में बनाये जाते हैं जो सरकार द्वार मान्य हो। इन करेंसी को हम आशनी से छू सकते है, पकड़ सकते हैं या फिर पर्स में रख भी सकते हैं। तभी इनको भौतिक मुद्रा (Physical Currency) के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले ऐसा नहीं होता है।
जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी , जिसे क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार की डिजिटल या आभासी मुद्रा (Virtual Currency) है जो लेनदेन की सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है। क्रिप्टोकरेंसी ऐसी मुद्रा है जिसे विकेंद्रीकृत प्रणाली (Decentralized System) द्वारा प्रबंधित (managed) किया जाता है।
दूसरे शब्दों में समझे तो ये एक ऐसी करेंसी है जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) पर आधारित है, जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित भी है। जिस कारण से इसे हैक (Hack) करना या कॉपी (Copy) करना बहुत ही मुश्किल है।
देखा जाये तोह क्रिप्टोकरेंसी का Physical कोई भी अस्तित्व नहीं है क्योंकि यह ऐसी डिजिटल करेंसी है जो Computer Algorithm पर बनी है। क्रिप्टोकरेंसी की सबसे खास बात यह है कि ये पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है मतलब किसी भी देश या सरकार का इस पर नियंत्रण (Control) नहीं है।
क्या क्रिप्टोकरेंसी की Value है?
क्रिप्टोकरेंसी को भले ही किसी नोट या सिक्को में प्रिंट (Print) नहीं किया जाता। लेकिन आज के समय में इसकी अपनी वैल्यू है। इसे भले ही आप अपने पॉकेट या तिजोरी में रख नहीं सकते लेकिन आप इसका भरपुर इस्तेमाल कर सकते है जैसे आप देश की करेंसी को करते है।
क्रिप्टोकरेंसी से आप सामान खरीद सकते है, Investment कर सकते है, Trade कर सकते है। फर्क सिर्फ इतना है कि आप इसे किसी भी बैंक या लॉकर में नहीं रख सकते हैं क्योंकि यह पूरी तरह से डिजिट (Digit) पर आधारित है यानी आप इसे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (Online Transaction) के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसीलिए इसे डिजिटल मनी (Digital Money) और वर्चुअल मनी (Virtual Money) भी कहा जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार:
दुनिया का सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी “Bitcoin” है। इसका आविष्कार सातोशी नाकामोतो नामक एक इंजीनियर ने 2008 में किया था और 2009 में इसे ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। कहा जाता है ब्लॉकचेन पे सबसे पहले रन होने वाली करेंसी भी बिटकॉइन “Bitcoin” ही थी।
कुछ विशेषज्ञ (Experts) के अनुसार सन 2008 से लेकर सन 2022 तक अनुमान लगाया जा रहा है की मार्केट में 20,000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरंसी लॉन्च हो चुके हैं। मतलब क्रिप्टोकोर्रेंसी शुरुआती दौर से ही अपनी कामियाबी की छाप छोड़ता जा रहा है। कहा जाता है की आने वाले समय में क्रिप्टोकुरेंसी और भी ज्यदा उपयोगी और फायदेमंद सबित होगा।
Top क्रिप्टोकुरेंसी (Cryptocurrencies)
Bitcoin: हाल ही आपने लेख (Article) में पढ़ा की बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी है।
Ethereum: एथेरियम एक विकेंद्रीकृत ओपन-सोर्स ब्लॉकचेन है। CoinMarket Cap के हिसब से यह दुनिया की दुसरी बड़ी क्रिप्टो करेंसी में से है। इसका आविष्कार 2015 में हुआ था और से ईथर (Ether) के नाम से भी जाना जाता है।
Dogecoin: डॉगकॉइन का निर्माण 2013 में दुनिया के सबसे बेहतरीन दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स ने किया था। यह ऐसी क्रिप्टोकरेंसी है जिसका नाम एक Sarcastic meme के आधार पर रखा गया है।
CNF Token: CNF टोकन का निर्माण 2021 में हुआ था। CNF टोकन TRC 20 टोकन है जो ट्रॉन ब्लॉकचेन (Tron Blockchain) पर बनाया गया है।
आज के समय में सभी को क्रिप्टोकरेंसी से वर्चित होना चाहिए क्योकि क्रिप्टोकरेंसी हमारा फ्यूचर मनी (Future Money) है आज नहीं तो कल ये हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण (Important) हिसा जरूर बन जाएगा और तकनीक (Technology) भी तेज गति से आगे बढ़ रही है और आने वाले समय में ये और भी ज्यादा फास्ट (Fast) और उपयोगी (Useful) होने वाला है।