दलाली संकेत

रक्त की दलाली में गिरफ्तार आरोपित ने लिया रेडक्रास के कर्मी का नाम
जागरण संवाददाता,आरा : दलाली संकेत नवादा थाना क्षेत्र के दक्षिणी रमना रोड स्थित भारतीय रेडक्रास सोसाइटी परिसर में संचालित ब्लड बैंक से ब्लड दिलाने के नाम पर 13 हजार रुपये मांगे जाने के मामले में जांच तेज हो गई है। पकड़े गए आरोपित दलाल परमेन्द्र के स्वीकारोक्ति बयान के बाद नया मोड़ आ गया है। स्वीकारोक्ति बयान में ब्लड बैंक के एक टेक्नीशियन प्रवीण कुमार का नाम सामने आया है।
पुलिस ने आरोपित का मोबाइल भी खंगाला है। जिससे भी संपर्क के संकेत मिले है। इस बीच शुक्रवार को पुलिस ने गहन पूछताछ के बाद पकड़े गए आरोपित को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इधर, नवादा थानाध्यक्ष अविनाश कुमार ने पूछताछ में प्रवीण नामक कर्मी के नाम आने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जांच चल रही है। इसे लेकर पीड़ित आयर के महथिन टोला निवासी विकास कुमार के बयान पर प्राथमिकी की गई है। गिरफ्तार परमेन्द्र कुमार धोबहां ओपी के मानपुर का निवासी है। आयर थाना के महथिन टोला,बलिगांव निवासी विकास कुमार की पत्नी पिंकी कुमारी का आरा के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। डाक्टर ने शरीर में खून की कमी होना दलाली संकेत बताया था। इसके लिए बी निगेटिव ब्लड की जरूरत थी।
बीमार महिला के पति गुरूवार को ब्लड के लिए रेड क्रास सोसाइटी स्थित ब्लड बैंक में गए थे। उन्होंने खून के लिए ब्लड बैंक संस्थान को अर्जी थी। हालांकि,उस समय बी निगेटिव ब्लड उपलब्ध नहीं था। संस्थान ने ब्लड उपलब्ध होने के बाद देने का भरोसा दिया था। इस दौरान आरोप दलाली संकेत हैं कि अनजान शख्स ने पति के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया और रेडक्रास से ब्लड उपलब्ध कराने की बात कहते हुए 13 हजार रुपये की डिमांड की। बाद में रेडक्रास के पदाधिकारियों के प्रयास से वह पकड़ा भी किया गया था।
रेडक्रास की सचिव ने संदिग्ध कर्मी से मांगा स्पष्टीकरण : भारतीय रेडक्रास सोसाइटी की सचिव डा.विभा कुमारी ने बताया कि संदेह के घर में आए ब्लड बैंक के टेक्नीशियन प्रवीण कुमार को तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संस्था की ओर से भी कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को प्रवीण की ड्यूटी काउंटर पर फार्म वितरण में थी। दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा। वे पूरे तहतक जाने के प्रयास में लगी हैं।
दान में से दलाली खाने वाल की दुर्गति निश्चित ः आचार्य सुनीलसागरजी महाराज
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जीवन में दान का बडा महत्व है। लेकिन आज कल दान देना कम और दान दबाने की प्रवृत्ति ज्यादा बढ रही है। यह प्रवृत्ति समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है। यही नहीं आज कल तो दान में भी दलाली चलने लग गई है, तुम इतना दान लेकर
उदयपुर । जीवन में दान का बडा महत्व है। लेकिन आज कल दान देना कम और दान दबाने की प्रवृत्ति ज्यादा बढ रही है। यह प्रवृत्ति समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है। यही नहीं आज कल तो दान में दलाली संकेत भी दलाली चलने लग गई है, तुम इतना दान लेकर आओ इसमें से इतनी दलाली तुम्हारी। हमें दान की दलाली को भी खत्म करना होगा क्योंकि धर्मशास्त्र के अनसार दान में दलाली अनुचित होती है। जो धर्म के दान का पैसा स्वयं के ऊपर खर्च करता है वह निश्चित तौर पर दुर्गति को प्राप्त होात है। उक्त विचार आचार्य सुनील सागरजी महााज ने शुक्रवार को हुमड भवन में आयोजित प्रातःकालीन चातुर्मासिक धर्मसभा में व्यक्त किये।
आचार्यश्री ने कहा कि कई बार ऐसा भी सुनने में आता है कि अमुक व्यक्ति ने मन्दिर के जीर्णोद्धार करने के लिए आया दान का पैसा खुद के उद्धार में लगा दिया है। कई बार जितना दान आता है बताया उससे कम जाता है। जो दान लेकर दबा देते हैं या जितना लेते हैं लेकिन बताते उससे कम है वो पापियों की श्रेणी में आते हैं। दान को लेकर दबा जाने वाले व्यक्ति स्वयं देर सवेर इसका दुष्फल भोगते हैं ही है साथ ही आने वाली पीढियां भी इसके दुष्परिणामों से बच नहीं पाती है। हालांकि ऐसा करने वाले व्यक्ति मुट्ठी भर ही हैं, उनसे समाज को बचाना चाहिये।
आचार्यश्री ने कहा कि दान भी हमेशा पात्र को और पात्र जगहों पर देना चाहिये जैसे स्कूल में, गौशालाओं दलाली संकेत में, बाढ पीडितों में, भूकम्प पीडितों में, अनाथालयों में, तीर्थों में, मन्दिर निर्माण में, प्राण- प्रतिष्ठा में बढ चढ कर दान देना चाहिये। लेकिन यह दान करने के बाद भी अगर कोई राशि बच जाती है तो उसे स्वयं के काम में नहीं लेनी चाहिये। वह राशि या तो गरीबों और भूखों में बांट दो नहीं तो अन्यत्र जहां भी मन्दिर बन रहा हो, वहां पर उस राशि का सहयोग कर दो। लेकिन वह सहयोग स्वयं के नाम का नहीं बल्कि समाज के नाम से हो। कई बार लोग पैसा किसी और का और दान स्वयं के नाम से कर देते हैं, यह भी गलत है।
दलाल स्ट्रीट को 2019 में मोदी सरकार की वापसी पर हैं ये आशंकाएं
पीएम नरेंद्र मोदी ने भले ही लाल किले की प्राचीर से अपने कार्यकाल को लेकर शानदार भाषण दिया हो, लेकिन दलाल स्ट्रीट 2019 के आम चुनावों में उनकी संभावनाओं को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। दलाल स्ट्रीट में चुनावों का काउंटडाउन शुरू होने से पहले ही इसके संकेत मिलने लगे हैं।
अमित मुद्गिल, नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी ने भले ही लाल किले की प्राचीर से अपने दलाली संकेत कार्यकाल को लेकर शानदार भाषण दिया हो, लेकिन दलाल स्ट्रीट 2019 के आम चुनावों में उनकी संभावनाओं को लेकर बहुत दलाली संकेत ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। दलाल स्ट्रीट में चुनावों का काउंटडाउन शुरू होने से पहले ही इसके संकेत मिलने लगे हैं। मार्केट के जानकारों का कहना है कि ऐंटी-इनकम्बैंसी, विरोधी दलों के भी गठबंधन बनाने के चलते आम चुनावों से पहले मार्केट में कमजोर स्थिति दिख रही है।
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कई मेगा प्लान्स का ऐलान किया। सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से लेकर 2022 में मानव स्पेस मिशन तक का ऐलान कर उन्होंने मजबूत, निर्णायक और प्रभावी सरकार की छवि बनाने का प्रयास किया है। हालांकि दलाल स्ट्रीट के जानकारों को इसके बाद भी कुछ आशंकाएं नजर आती हैं। जानें, क्या हैं ऐसी आशंकाएं.
इतिहास खुद को दोहरा रहा?
घरेलू स्टॉक मार्केट खुद ही इलेक्शन से पहले रिस्क लेने से बच रहा है। फिलिप कैपिटल के मुताबिक निफ्टी 50 ने इस साल निफ्टी 50 मिडकैप के मुकाबले 20 फीसदी अधिक बढ़त हासिल की है। इससे पहले भी आम चुनावों से पहले रिस्क लेने से बचने की स्थिति देखी दलाली संकेत जा रही है। एक नोट में ब्रोकरेज फर्म ने कहा, 'इससे पहले दो आम चुनावों से पूर्व 2008 और 2013 में भी हमने मार्केट की ऐसी स्थिति देखी थी। ऐसी स्थितियों में अब मार्केट बड़े नामों पर ही दांव लगाएगा या फिर कमाई की संभावना खासी मजबूत हो।'
पीएम मोदी के दूसरे टर्म पर दांव लगा रहे निवेशक
भारतीय बाजार अन्य उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों की तुलना में सामान्य से अधिक वैल्यूएशन पर है। ऐम्बिट कैपिटल ने अपने एक नोट में कहा है कि भारतीय शेयर मार्केट अन्य उभरते देशों की तुलना में बीते 5 साल में 18 पर्सेंट प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है, जो 37 फीसदी तक बढ़ा है। ब्रोकरेज फर्म ने चुनावों को आने वाले दिनों में घरेलू मार्केट के लिए 5 बड़े रिस्क में रखा है। अनुमानों के मुताबिक 2014 के आम चुनाव में 226 सीटें देने वाले 7 राज्यों दलाली संकेत से इस बार एनडीए को महज 126 सीटें ही मिलेंगी, यदि वह महागठबंधन के ब्लॉक को तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाती है।
ब्रोकरेज फर्म्स का कहना है कि आने वाले चुनावों में ऐंटी-इनकम्बैंसी और महागठबंधन चुनौती साबित हो सकते हैं। हालांकि ऐम्बिट का कहना है कि बड़े पैमाने पर निवेशकों का मानना है कि मोदी सरकार को सेकंड टर्म मिलेगा और 300 से लेकर 380 तक सीटें मिल सकती हैं।
मोदीकेयर पर है एनालिस्ट्स का दांव
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बहुप्रतीक्षित प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान (आयुष्मान भारत) का ऐलान किया। इस योजना की शुरुआत 25 सितंबर को की जाएगी। इसी दिन जनसंघ के नेता रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती होती है। उन्होंने नई ऐग्रिकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी के बारे में भी बात की और भारत के मानवीय स्पेस मिशन के बारे में भी बताया। इसके अलावा सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए स्थायी आयोग का भी ऐलान किया। मार्केट के जानकारों ने मोदी की इन घोषणाओं को पॉजिटिव तरीके से लिया है।
खपत से मिलेगी मार्केट को ताकत
ऐम्बिट कैपिटल का कहना है कि फाइनैंशल इयर 2019 में भारत की जीडीपी ग्रोथ में उछाल चौंकाने वाली हो सकती है। इसकी वजह है कि सरकार चुनावों पर फोकस करते हुए खपत आधारित ग्रोथ को बढ़ावा देने पर फोकस करेगी।
एआरटीओ दफ्तर के दलाल हो गए गायब
एआरटीओ दफ्तर के दलाल हो गए गायब
मुजफ्फरनगर। एआरटीओ दफ्तर पर लगने वाली दलालों और उनसे काम कराने आने वाली जनता की भीड़ बृहस्पतिवार को गायब मिली, जहां प्रतिदिन दलालों का अड्डा लगता था, वहां सबकुछ सुनसान मिला। अपने विभाग की प्रमुख सचिव के जिले में होने के कारण दलाली संकेत परिवहन विभाग के अफसरों ने यह सब किया।
प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला का खौफ देखिए कि एआरटीओ दफ्तर और दफ्तर के अंदर लगने वाली भीड़ बृहस्पतिवार को अपने आप गायब हो गई। सड़क के दोनों तरफ अपनी ठिया लगाकर विभाग की दलाली करने वालों की कुर्सियां नहीं दिखाई दी। एआरटीओ दफ्तर के अंदर और बाहर का नजरिया देखकर ऐसा लग रहा था जैसे यहां सबकुछ बदल गया। कुछ भी हो एक दिन के लिए तो नजारा बदल ही गया। शहर के आम लोगों के लिए यह सब आश्चर्य जनक था। एआरटीओ दफ्तर के अधिकारियों ने सभी दलालों को पहले ही संकेत कर दिए थे कि वह न आएं। डर था कि कहीं प्रमुख सचिव की गाज न गिर जाए।
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मुजफ्फरनगर। एआरटीओ दलाली संकेत दफ्तर पर लगने वाली दलालों और उनसे काम कराने आने वाली जनता की भीड़ बृहस्पतिवार को गायब मिली, जहां प्रतिदिन दलालों का अड्डा लगता था, वहां सबकुछ सुनसान मिला। अपने विभाग की प्रमुख सचिव के जिले में होने के कारण परिवहन विभाग के अफसरों ने यह सब किया।
प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला का खौफ देखिए कि एआरटीओ दफ्तर और दफ्तर के अंदर लगने वाली भीड़ बृहस्पतिवार को अपने आप गायब हो गई। सड़क के दोनों तरफ अपनी ठिया लगाकर विभाग की दलाली करने वालों की कुर्सियां नहीं दिखाई दी। एआरटीओ दफ्तर के अंदर और बाहर का नजरिया देखकर ऐसा लग रहा था जैसे यहां सबकुछ बदल गया। कुछ भी हो एक दिन के लिए तो नजारा बदल ही गया। शहर के आम लोगों के लिए यह सब आश्चर्य जनक था। एआरटीओ दफ्तर के अधिकारियों ने सभी दलालों को पहले ही संकेत कर दिए थे कि वह न आएं। डर था कि कहीं प्रमुख सचिव की गाज न गिर जाए।
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